आधुनिकता के विस्तार के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र काफी विस्तार हुआ है। जिस वजह से करियर के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। अब इस आधुनिक युग में छात्र कई क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं। लेकिन समस्या तब आती है जब छात्रों को इन विकल्पों के बारे में जानकारी ही नहीं होती। जानकारी के अभाव में कई छात्र इन बेहतरीन करियर विकल्पों का लाभ नहीं उठा पाते। दरअसल, आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि स्टेनोग्राफी क्या है और इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको कैसी तैयारी करनी है। आपको बता दें, स्टेनोग्राफर आज के छात्रों के लिए एक कैरियर का नया विकल्प है। आइए जानते हैं स्टेनोग्राफर के क्षेत्र में करियर कैसे बनाएं।
स्टेनोग्राफर क्या होता है?
स्टेनोग्राफर के बारे में जाने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि स्टेनोग्राफी का अर्थ क्या होता है। दरअसल, स्टेनोग्राफी को अंग्रेजी में शॉर्टहैंड कहते हैं यह एक तरह से एक ऐसी विधि है जिसमें संक्षिप्त लिखा जाता है। इसके अंतर्गत किसी भी संदेश को तेज गति से संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है। इसके लिए छोटे प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है तथा जो मूल भाषा होती है उसका पूरी तरह से लिप्यंतरण कर दिया जाता है। और इस कार्य को करने वाला व्यक्ति स्टेनोग्राफर कहलाता है, यानी कि ‘आशुलिपि’ लेखक। ज्यादातर स्टेनोग्राफर का उपयोग सरकारी विभागों में किया जाता है जिसकी नियुक्ति भी कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के द्वारा किया जाता है।
स्टेनोग्राफी के प्रकार
दरअसल, स्टेनोग्राफी दो प्रकार का होता है एक हिंदी में और दूसरा अंग्रेजी में। यदि आप हिंदी स्टेनोग्राफर बनना चाहते हैं तो आपकी टाइपिंग स्पीड हिंदी में अच्छी होनी चाहिए तथा अंग्रेजी में बनने के लिए आपको अंग्रेजी में टाइपिंग और शॉर्टहैंड आना अनिवार्य है। एसएससी परीक्षा में हिंदी स्टेनोग्राफर की टाइपिंग स्पीड हर मिनट में 25 शब्द और वही शॉर्टहैंड की स्पीड हर मिनट में 80 शब्द होनी चाहिए।
दूसरी ओर अंग्रेजी स्टेनोग्राफर के लिए आपको हर मिनट में 30 शब्द लिखने होते हैं और शॉर्टहैंड की स्पीड हर मिनट 100 होनी चाहिए।
स्टेनोग्राफर की योग्यता
स्टेनोग्राफर बनने के लिए आपको निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना होगा:-
स्टेनोग्राफर के लिए कम से कम 12वीं पास करना या फिर ग्रेजुएशन करना जरूरी होता है। ग्रेजुएशन में आप कोई भी कोर्स कर सकते हैं।
स्टेनोग्राफर बनने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है तथा अधिकतम आयु 27 वर्ष है।
स्टेनोग्राफर का सिलेबस
स्टेनोग्राफर की तैयारी करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि स्टेनोग्राफर की परीक्षा में किस तरह का सिलेबस आता है। दरअसल, इसमें चार क्षेत्रों से सवाल पूछे जाते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:-
सामान्य ज्ञान
अंग्रेजी
रिजनिंग
जीके-जीएस से विविध
स्टेनोग्राफर का वेतन
स्टेनोग्राफर का वेतन 5200 से 20200 के बीच होता है। वही ग्रेड पे 2600 होती है। यानी कि स्टेनोग्राफर को 30,000 प्रति महीना मिलता है लेकिन यह राशि फिक्स नहीं होती अलग-अलग जगह इसके लिए अलग-अलग वेतन हो सकता है।
स्टेनोग्राफर के लिए तैयारी कैसे करे?
सबसे पहले तो आपको 12वीं कक्षा पास करनी होती है और यदि आप ग्रेजुएशन कर रहे हैं तो ग्रेजुएशन के बाद भी आप स्टेनो की परीक्षा दे सकते हैं। बता दे, कई संस्था जहां 12वीं पास को तवज्जो देते हैं वहीं अधिकतर संस्थाएं स्नातक डिग्री हासिल किए हुए उम्मीदवारों को ज्यादा तवज्जो देती हैं।
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की आप यदि 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर स्नातक स्तर पर पढ़ाई कर रहे हैं, आप अपनी पढ़ाई के साथ ही एसएससी स्टेनो की तैयारी भी करते रहें जिससे आप पहले से ही इस परीक्षा के लिए तैयार हो सके।
आप एसएससी के लिए कोचिंग भी ले सकते हैं। इन कोचिंग संस्थानों में आपको एसएससी स्टेनो से जुड़े सभी तरह की जानकारी तथा प्रैक्टिस भी करवाई जाती है।
एसएससी की स्टेनो की तैयारी करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि आप शुरुआत से ही नोट बनाना शुरू कर दे क्योंकि नोट्स आपकी इसमें बहुत मदद करते हैं। नोट बनाने से आपको सारे टॉपिक कवर करने में आसानी होती है और यदि आप नोट्स नहीं बनाते तो कोई न कोई टॉपिक छूट जाने का डर होता है।
स्टेनोग्राफर के चयन में दो तरह की परीक्षाएं ली जाती है। एक लिखित परीक्षा दूसरी होती है आशुलिपि परीक्षा। लिखित परीक्षा में आपको जिन सिलेबस के बारे में हमने बताया है उससे संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वही आशुलिपि परीक्षा में उन परीक्षार्थियों का चयन किया जाता है, जिन्होंने लिखित परीक्षा पास कर ली है। इसीलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप आशुलिपि परीक्षा के लिए ज्यादा तैयारी करें क्योंकि यह इसकी तैयारी के लिए आपको ज्यादा समय देना होता है।
जब आप परीक्षा की पूरी तैयारी कर ले तो एक बार रिवीजन में जरूर ध्यान दें क्योंकि रिवीजन से आपके विषय पुख्ता होते हैं तथा उम्मीदवारों को परीक्षा के समय भी आसानी होती है।
इस बात का ध्यान रखें कि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान है यानी की परीक्षा प्रश्न को हल करें तो ज्यादा कोशिश यह करें कि आप गलत प्रश्नों और अटेम्प्ट ना करें।