आज के मॉडर्न कल्चर से पहले हमारे देश में कई सभ्यता थीं। जिनके बारे में आपने इतिहास में पढ़ा होगा। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो आदि ऐसी कई सभ्यता है जिनके बाद आज की मानव सभ्यता का विकास हुआ। इन जगहों की खुदाई से मिली चीजों को बहुत सहेज कर म्यूजियम में रखा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे इन पुरानी जगहों पर खुदाई में और पुरानी चीजों को कौन सहेजता होगा। किसको ही दिलचस्पी होगी इन सब में? तो आपको बता दें हमारी पुरानी परम्परा और सभ्यता को सहजने का काम आर्कियोलॉजिस्ट करते हैं। ऐसा नहीं है को इस फील्ड में कोई करियर नहीं है। इसमें करियर भी है और पैसा भी। बस आपमें दिलचस्पी होनी चाहिए।
यदि आपकी मोनुमेंट्स और पुराने नेशनल हेरिटेज साइट्स सहित इंडियन हिस्ट्री और इंडियन कल्चर में गहरी दिलचस्पी है तो आप आकर्षक सैलरी पैकेज सहित भारत में आर्कियोलॉजिस्ट बनकर अपनी नेशनल हेरिटेज साइट्स की रक्षा कर सकते हैं।
क्या है आर्कियोलॉजी
आसान शब्दों में कहें तो यह मानव इतिहास का अध्ययन है। इसमें देश-दुनिया में खुदाई के बाद मिले पुराने अवशेषों, खंडहरों और अन्य सामग्री के माध्यम से मानव के इतिहास और प्राचीन जीवन के साथ उनकी सभ्यताओं और संस्कृति का अध्ययन किया जाता है ताकि मानव सभ्यता के विकास क्रम को आधुनिक संदर्भ से समझा जा सके।आर्कियोलॉजी में एक्सपर्ट प्रोफेशनल्स आर्कियोलॉजिस्ट कहलाते हैं।
आर्कियोलॉजिस्ट के लिए जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
हमारे देश में आर्कियोलॉजी में ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में कम से कम 45 – 50% मार्क्स के साथ 12वीं पास की हो।
इसी तरह आर्कियोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त कॉलेज/ यूनिवर्सिटी से कम से कम 50% मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो. कुछ यूनिवर्सिटीज़ एंट्रेंस एग्जाम लेकर पोस्टग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन देती हैं।
भारत में आर्कियोलॉजी से संबंधित प्रमुख एजुकेशनल डिग्री/ डिप्लोमा कोर्सेज निम्नलिखित हैं:
डिप्लोमा – इंडियन आर्कियोलॉजी
पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा – आर्कियोलॉजी
बीए – इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी
बीए – आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियोलॉजी
एमए – आर्कियोलॉजी
एमए – एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री एंड आर्कियोलॉजी
एमएससी – आर्कियोलॉजी
एमफिल – एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी
पीएचडी – एनशियेंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी
भारत के प्रमुख इंस्टीट्यूशन्स –
हमारे देश के तकरीबन सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटीज़ और प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स आर्कियोलॉजी से संबंधित विभिन्न एजुकेशनल डिग्री/ डिप्लोमा कोर्सेज करवाते हैं। भारत के कुछ प्रमुख इंस्टीट्यूशन्स की लिस्ट निम्नलिखित है:
इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी (आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया, दिल्ली)
पटना यूनिवर्सिटी, पटना, बिहार
डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर
पंजाब यूनिवर्सिटी, पंजाब
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च ऐंड मैनेजमेंट, दिल्ली
यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे, महाराष्ट्र
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, कोट्टयम
भारत में आर्कियोलॉजिस्ट के लिए करियर ऑप्शन्स
यहां आपके लिए आर्कियोलॉजिस्ट के पेशे से संबंधित प्रमुख करियर ऑप्शन्स का विवरण पेश हैं:
• म्यूजियम/ गैलरी एग्ज़ीबिशन ऑफिसर
ये प्रोफेशनल्स अपने म्यूजियम और गैलरी के रखरखाव के साथ समय-समय पर एग्ज़ीबिशन्स की व्यवस्था करते हैं।
• डॉक्यूमेंट स्पेशलिस्ट
ये पेशेवर प्राचीन और अतिप्राचीन काल के दस्तावेजों के अध्ययन के साथ उन्हें सुरक्षित रखने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
• अर्बन आर्कियोलॉजिस्ट
ये प्रोफेशनल्स हमारे देश की प्राचीन शहरी सभ्यताओं का अध्ययन और रिसर्च कार्य करते हैं।
• प्री-हिस्टोरिक आर्कियोलॉजिस्ट
ये पेशेवर अति प्राचीन काल के अवशेषों, स्मारकों और अन्य सामग्री का अध्ययन और रिसर्च संबंधी विभिन्न कार्य करते हैं।
• मरीन आर्कियोलॉजिस्ट
समुद्र और पानी में पाये जाने वाले शिप्स के अवशेषों, शिलाओं और किसी भी प्रकार की संरचना के अध्ययन और रिसर्च का काम ये प्रोफेशनल्स करते हैं। इसी तरह, समुद्र के किनारे बसी प्राचीन सभ्यताओं के बारे में भी ये पेशेवर रिसर्च करते हैं।
• एनवायरनमेंटल आर्कियोलॉजिस्ट
प्राचीन काल की सभ्यताओं और समाजों के एनवायरनमेंट पर पड़ने वाले असर का अध्ययन ये पेशेवर करते हैं।
• लेक्चरर/ प्रोफेसर
देश के विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में आर्कियोलॉजी विषय पढ़ाने और संबंधित रिसर्च कार्य करने का जिम्मा देश के विद्वान लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स का है।
• एक्सपेरिमेंटल आर्कियोलॉजिस्ट
ये पेशेवर नष्ट हो चुके अवशेषों, मूर्तियों और अन्य सामग्री को पहले जैसा बनाने के लिए अपने ज्ञान और प्रतिभा का उपयोग करते हैं।
• पालिओंटोलॉजिस्ट
ये प्रोफेशनल्स ज्ञानी मानव या होमोसेपियंस के पृथ्वी पर आने से पहले, यहां मौजूद विभिन्न पशु-पक्षियों और वनस्पति जगत का अध्ययन करते हैं।
• एपिग्राफी एक्सपर्ट्स
ये पेशेवर पुराने समय की लिखावट का अध्ययन और विश्लेषण करते हैं ताकि तत्कालीन देश-काल की सटीक जानकारी मिल सके।
• जियो आर्कियोलॉजिस्ट
ये प्रोफेशनल्स खुदाई के बाद मिले पुराने अवशेषों और स्थलों से मिट्टी और चट्टानों के सैंपल्स का अध्ययन और रिसर्च वर्क करते हैं।
• बैटलफील्ड आर्कियोलॉजिस्ट
ये पेशेवर देश के प्रसिद्ध लेकिन प्राचीन युद्ध के मैदानों में अपना अध्ययन और रिसर्च कार्य करते हैं।
• आर्कियोबॉटैनिस्ट
ये पेशेवर अति प्राचीन समय के पशु-पक्षियों और मनुष्य के खान-पान, कृषि के विकास आदि का अध्ययन करते हैं।
• आर्कियोमैट्री एक्सपर्ट्स
ये पेशेवर आर्कियोलॉजी में इंजीनियरिंग प्रिंसिपल्स को अप्लाई करके अपना अध्ययन और रिसर्च करते हैं।
भारत में आर्कियोलॉजिस्ट के लिए प्रमुख जॉब प्रोवाइडर्स
भारत में आर्कियोलॉजिस्ट्स निम्नलिखित संस्थानों में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया
इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च
नेशनल हेरिटेज एजेंसीज़
नेशनल म्यूजियम्स
यूनिवर्सिटी और कॉलेज
कल्चरल गैलरीज़
विभिन्न सरकारी और प्राइवेट म्यूजियम्स
आर्कियोलॉजिस्ट का सैलरी पैकेज
हमारे देश में आर्कियोलॉजिस्ट्स को काफी आकर्षक सैलरी पैकेज मिलता है यद्यपि अन्य सभी पेशेवरों की तरह ही इन पेशेवरों के सैलरी पैकेज पर भी इनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, वर्क एक्सपीरियंस, पोस्ट और टैलेंट का असर तो पड़ता ही है।
हमारे देश में आमतौर पर किसी म्यूजियम/ गैलरी ऑफिसर या क्यूरेटर, डॉक्यूमेंट स्पेशलिस्ट को 5 लाख रुपये सालाना सैलरी मिलती है और असिस्टेंट आर्कियोलॉजिस्ट को 6 लाख रुपये सालाना सैलरी मिलती है। किसी अर्कारी विभाग में सीनियर आर्कियोलॉजिस्ट को एवरेज 10 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. सीनियर पालिओंटोलॉजिस्ट को भी एवरेज 10 लाख रुपये का सालाना सैलरी पैकेज मिलता है। इसी तरह, हमारे देश में विभिन्न लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स को भी आमतौर पर न्यूनतम 6 लाख रुपये से 15 लाख रुपये अधिकतम तक का सैलरी पैकेज मिलता है।